5 Tips about पारद शिवलिंग You Can Use Today
5 Tips about पारद शिवलिंग You Can Use Today
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प्रातः काल उठकर स्नान ध्यान के बाद किसी बड़े पात्र में नर्मदेश्वर शिवलिंग को रखें और इसके ऊपर बेलपत्र और जल अर्पित कर पूजा अर्चना करें।
पारद शिवलिंग के प्रति फैली हुई भ्रांतिया
मूल्य को सर्वजन की पहुँच के लिए सर्वाधिक रूप से पारद और चांदी मिश्रित शिवलिंग बनाए हैं। शास्त्रों में पारद शिवलिंग को सर्वाधिक प्रभावशाली बताया गया है और ऐसा कहा गया कि इसके दर्शन मात्र से अनंत यज्ञों का फल प्राप्त होता है। ऐसा वर्णित है कि जिस घर में भी पारद शिवलिंग स्थापित हो वहां साक्षात भोलेनाथ निवास करते हैं और केवल भगवान शिव ही नहीं माता लक्ष्मी और कुबेर देवता का भी उस स्थान पर वास होता है
It can be believed that buying just one parad shivalingam and worshipped will bestow over the worshiper lots of blessings.
A person who aquires Parad Shivlinga in his lifetime and does appropriate ritualistic pooja and archana, reaps the benifits of worshipping the many Shivlingas existing during the a few lokas, or doing a hundred Ashwamegh yadnyas, or donating 10 million cows or donating ten thousand grams of gold ect. Just one Parad Shivlinga is effective at bestwoing these types of blessing.
धातु में चांदी, तांबा और सोने का बना होना चाहिए।
जो पुण्यफल हजारो शिवलिंग की पूजा करने से मिलाता है वह पूण्यफल नर्मदेश्वर शिवलिंग और पारद शिवलिंग के दर्शन मात्र से प्राप्त हो जाता है
When you come across this enigmatic form, ponder its deeper meanings, and permit it to spark your own private spiritual exploration.
It is usually depicted to be a cylindrical or elliptical framework, frequently manufactured from stone, symbolizing the cosmic Power and potentiality of Shiva.
हिन्दू धर्म में शिव की पूजा का अत्यधिक महत्व होता है। शिव जी का पूजन करना शुभ माना जाता है। सनातन धर्म में शिव जी के स्वरूप शिवलिंग की पूजा की जाती है। कहा जाता है जो भी शिवलिंग की पूजा करता है। उस पर भगवान शिव का आशीर्वाद बना रहता है। शिवलिंग की पूजा में सबसे महत्वपूर्ण होता है पारद शिवलिंग। पारद शिवलिंग की पूजा करना अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है।
भगवान भोले नाथ ने स्वयं माता पार्वती से कहा था, की जो भी उपासक इस पारद शिवलिंग की पूजा-अर्चना करेगा
एवं उनकी प्राण प्रतिष्ठा करने की आवश्यकता नहीं होती ।पारद शिवलिंग और नर्मदेश्वर शिवलिंग के अलावा किसी भी शिवलिंग पर अर्पित किया गया प्रसाद चण्डेश्वर का एक भाग होता है। और इस प्रसाद को ग्रहण का अर्थ है भूत प्रेतों के अंश को ग्रहण कर लेना। अतः किसी भी प्रकार के पत्थर, मिट्टी और चीनी मिट्टी से बने शिवलिंग पर चढ़ा हुआ प्रसाद नहीं खाना चाहिए। किंतु नर्वदेश्वर और पारदेश्वर यानी पारद शिवलिंग पर चढ़ा हुआ प्रसाद स्वयं महादेव को चढ़ता है अतः इसे बिना किसी संकोच website के सह परिवार ग्रहण करना चाहिए। अतः घर में पारद शिवलिंग स्थापित करने के लिए श्रेष्ठ हैं
शिवलिंग की आरती करके भोग को सब लोगों में बांटना चाहिए।
पारद शिवलिंग की पूजा-अर्चना का तरीका सामान्य शिवलिंग के समान ही होता है। जिस घर में पारद शिवलिंग होता है, वह धन-धान्य से परिपूर्ण और दुर्गुणों से मुक्त होता है।